Email subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Saturday, July 27, 2019

The genius of world Elon Musk

The genius of world Elon musk

जून 2001 में एलन मस्क जब अपने तीसवे साल में थे, वे और उनकी पत्नी सिलिकोन वैली छोड़कर लोस एंजेल्स शिफ्ट हो गए.उनका बनाया पे-पाल एक सफल प्रोजेक्ट रहा था.अब वे अपने सपने स्पेस ट्रेवल और राकेट शिप्स पर ध्यान दे सकते थे,.और इसके लिए लोस एंजेल्स से बढ़कर कोई और बढ़िया जगह नहीं थी क्योंकि वहां का मौसम एरोनोटिक्स के लिहाज़ से अच्छा था.मस्क ने अपने जैसे ही कुछ लोग ढूंढ लिए.. उन्होंने मार्स
सोसाइटी नाम का एक ग्रुप भी ज्वाइन कर लिया था जो मार्स पर जीवन की संभावना तलाश रहा था.ट्रांसलाइफ नाम से इस ग्रुप का एक प्रोजेक्ट भी था.ये एक कैप्सूल के आकार का बनने वाला था जो अर्थ के चक्कर लागाये.और इसके क्र्यू मेम्बर चूहे बनने वाले थे.मस्क ने $500,000  मार्स सोसाइटी और इसके प्रोजेक्ट के लिए दिए.उन्होंने सुझाव रखा कि ट्रांसलाइफ मिशन को मार्स तक ही एक्सटेंड करना चाहिए.एक दिन मस्क नासा की वेबसाईट ब्राउस कर रहे थे.उन्हें गहरी निराशा हुई क्योंकि मार्स एक्सप्लोरेशन का कहीं पर भी कोई
एक्जेट शेड्यूल या पुख्ता प्लान नहीं दिया गया था.


मस्क ने एरोस्पेस पर कई किताबे पढ़ी.उन्होंने राकेटशिप को प्लान करने के लिए टेलेंटेड इंजीनियर्स को अपने साथ काम पर रखा.उन्होंने कम बजट वाले रॉकेट्स का परफोर्मेंस स्टडी किया.उस वक्त के रॉकेट्स सिर्फ रसियन बनाते थे.बोईंग और लॉक हील बहुत ज्यादा महंगे थे और बड़े से बड़े सेटेलाइट्स उठा सकते थे.मस्क इनसे कुछ सस्ते रॉकेट्स बनाना चाहते थे जो रिसर्च और कमर्शियल इस्तेमाल के लायक हो.

The genius of world Elon mask


जब ई-बे ने पे-पाल खरीदा था तो मस्क ने इस डील से सौ मिलियन डॉलर की कमाई की थी.उन्होंने ये पैसा मार्स के लिए राकेट शिप बनाने में लगा दिया.जून 2002 में स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलोजी बनाई गई.इसमें मस्क के साथ मार्स सोसाइटी के मेम्बर और लोस एंजेल्स के वे लोग भी जुड़े जो स्पेस एन्थ्युयास्टिक थे.

स्पेस एक्स (Space-X) को लेकर मस्क बहुत एक्साइटेड थे.हालांकि इस दौरान उनके परिवार में एक दुखद घटना घट गयी.उनकी पत्नी जस्टिन ने एक बेटे को जन्म दिया था जिसका नाम नेवेडा एलेक्जेंडर मस्क रखा गया था.लेकिन 10 दिन के अंदर ही वो बच्चा चल बसा.


हुआ यूँ कि एक रात एलन और जस्टिन ने बच्चे को बिस्तर पर सुलाया.नेवेडा गहरी नीद में पीठ के बल सो गया था.जब कुछ देर बाद उसके parents उसे देखने गए तो उन्होंने पाया कि उसकी सांसे नहीं चल रही थी.डॉक्टरर्स इसे सडन इन्फेंटdeath सिंड्रोम (sudden infant death syndrome) कहते है.

जब तक पेरामेडिक्स बुलाये गए दिमागी रूप से बच्चे की मौत हो चुकी थी.उसके दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं पहुँच पाई थी.उसे तीन दिन तक लाइफ सपोर्ट पर रखा गया.बच्चा जब मरा तो जस्टिन ने उसे अपनी बांहों में पकड रखा था.वो बुरी तरह रो रही थी.मगर एलन मस्क ने कहा कि वो इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहते है.

जस्टिन को लगता था कि ये एलन मस्क का डिफेन्स मेकेनिस्म का तरीका है.जिसे उन्होंने बचपन से ही सीख लिया था.उसने कहा कि ‘ elon सदमे में नहीं reh सकते.उनकी फितरत ही आगे बढने की है.और मुझे लगता है कि ये ही उनके सरवाइव करने का तरीका है”.मस्क ने अपना सारा ध्यान स्पेस एक्स के राकेट लौंच में लगा दिया.

अगले 5 सालो में जस्टिन जुड़वाँ बच्चो को जन्म diya और उसके बाद ट्रिप्लेट्स को.मस्क ने कहा” मै इस बात पर यकीन नहीं रखता कि मुझे बेहद दुखद घटानाओं के बारे में बात करनी चाहिए.क्योंकि ये किसी भी तरह हमारे भविष्य को नहीं सुधारती.अगर आपके और बच्चे-- और जिम्मेदारियां है तो बीती बातो पर दुखी होने से आपका और आपके अपनों का कोई भला नहीं होने वाला”.

The genius of world Elon maskसब कुछ इलेक्ट्रिक


साल 2002 की बात थी.एक टेलेंटेड इंजिनियर जे.बी.स्ट्राबेल ने पोर्श गाडी खरीदी.उन्होंने इसे एक इलेक्ट्रिक कार में तब्दील किया.ये वो वक्त था जब क्लीन टेक्नोलोजी मूवमेंट का नामो-निशान तक नहीं था.उन्होंने अपने इस प्रोडक्ट के लिए इन्वेस्टर ढूढने शुरू किये.महीने पर महीने बीत गए मगर हर बार स्ट्राबेल रिजेक्ट होते रहे.आखिर में वे एलन मस्क से मिले..

मस्क को इलेक्ट्रिक कार का आईडिया काफी बढ़िया लगा.उन्होंने खुद के बनाए बेटरी और एनेर्जी स्टोरेज का विचार रखा.वे तुरंत ही स्ट्राबेल को फण्ड देने के लिए राज़ी हो गए.और उनकी ये पार्टनरशिप सालो तक चली.

इस दौरान कई और लोग भी थे जो बिजनेस पार्टनर थे और इलेक्ट्रिक कार बनाना चाह रहे थे.इनमे से ही दो लोग थे मार्टिन ईबर्हार्ड और नार्थन केलिफोर्निया के मार्क टारपेनिंग.जुलाई2003 उन्होंने टेस्ला मोटर्स की नींव रखी.ये कंपनी निकोलाज टेस्ला (Nicolas Tesla) के नाम पर रखी गयी थी जो इलेक्ट्रिक मोटर के इन्वेन्टर थे.ईब्र्रहार्ड और टारपेनिंग (Eberhard and Tarpenning ) ने अपनी कंपनी लोस एंजेल्स में मस्क को ऑफर की.वे तीनो ही अमेरिका की तेल की समस्या को खत्म करना चाहते थे
.मस्क तो वैसे भी हमेशा से ही क्लीन और ससटेनेबल एनर्जी के समर्थक थे.इस तरह टेस्ला शुरू हुई और मस्क उसके चेयरमेन और सबसे बड़े शेयरहोल्डर बने.जल्द ही जे.बी.स्ट्राबल भी उनकी कंपनी में शामिल हो गए.इस टीम को पता चला कि बड़ी-बड़ी कंपनीज वाकई में अब कारे नहीं बनाती.बी.एम्.डब्ल्यू आपनी कारो के पार्ट्स बाहर बनवाते है.कंपनी केवल लोकल मार्केटिंग, सेल्स और फाइनल असेंबली संभालती है.वे दिन अब लद चुके थे जब फोर्ड मोटर्स रॉ (raw) मेटेरियल से कारे बनाया करती थी.टेस्ला मोटर्स अपने यहाँ बनने वाली हर इलेक्ट्रिक कार को ढाँचे से लेकर फाइनल तक खुद ही तैयार करना चाहते थे.मस्क और उनके इंजीनियर्स की टीम ने प्रोटोटाइप के तौर पर रोडस्टर बनाई.हालांकि इस प्रोसेस में वक्त, एफर्ट और पैसा बहुत लगता था.जब टेस्ला ने अपना अगला प्रोडक्ट तैयार किया उस वक्त मस्क दिवालिया होने की कगार पर पहुँच चुके थे.

No comments:

Post a Comment

कोरोना का टीका कब तक बनेगा ? जानिये पूरा सच !

कोरोना का टीका कब तक बनेगा ? जानिये पूरा सच ! बढ़िया खबर! कारोना वायरस वैक्सीन तैयार। इंजेक्शन के बाद 3 घंटे के भीतर रोगी को ठीक कर...